परसेंटेज और पर्सेंटाइल में क्या अन्तर है?

परसेंटेज और पर्सेंटाइल दो अलग-अलग चीजे हैं।

परसेंटेज क्या होता है?
वैसे तो परसेंटेज के बारे में लगभग सबको ज्ञात होता है, फिर भी, परसेंटेज का अर्थ होता है कि 100 में से आपको कितने नंबर मिले। जैसे किसी परीक्षा में आपने 80 परसेंट नंबर प्राप्त किये है तो इसका अर्थ है कि 100 में से आपको 80 नंबर मिले हैं। कुल की बात करें तो जितने नंबर का पेपर होता है, उसको परसेंटेज से गुणा करके 100 से भाग कर दीजिए। आपको पता चल जाएगा कि आपको कुल कितना नंबर आया है। जैसे मान लीजिए कि पेपर कुल 500 अंक का है और आपको 80 परसेंट नंबर आए हैं तो पहले आपको 500 को 80 से गुणा करना होगा।
अर्थात 500 X 80=40000
अब आप इसको 100 से भाग करेंगे तो 40000/100=400 आएगा।
अर्थात आपको 500 में से 400 अंक मिले हैं।


परसेंटाइल क्या होता है?
परसेंटाइल का अर्थ होता है कितने छात्र आपसे नीचे है। यानि सीधी भाषा में कहें तो, आपको कितने छात्रों से ज्यादा नंबर मिले। जैसे आपका पर्सेंटाइल 80 फीसदी है तो इसका अर्थ हुआ कि आपने 80 फीसदी उम्मीदवारों से ज्यादा मार्क्स प्राप्त किए हैं।

उदाहरण -

जैसे किसी छात्र को 80% मार्क्स मिले और 80% से कम मार्क्स लाने वाले छात्रों की कुल संख्या 10000 है जबकि ग्रुप में कुल छात्रों की संख्या 18000 थी तो

100xकिसी ग्रुप में सर्वाधिक अंक लाने वाले कैंडिडेट्स से कम अंक लाने वाले छात्रों की कुल संख्या/ग्रुप के कुल कैंडिडेट्स की संख्या अर्थात 100*10000/18000=55.55 प्रतिशत।

अच्छे से समझने के लिए एक और बढ़िया उदाहरण लेते हैं-

माना आपकी 10वीं की प्री बोर्ड, जिसमें आपके 80% थे, में आपके साथ चार और बंदे हैं और बाकियों का प्रतिशत क्रमशः 100%, 60%, 40%, और 20% तो रैंकिंग हुई इस तरह –



100% – प्रथम रैंक

80% – द्वितीय रैंक – आपकी रैंक

60% – तृतीय रैंक

40% – चतुर्थ रैंक

20% – पंचम रैंक

तो इस तरह आपकी रैंकिंग हुई द्वितीय।

और आपके नीचे तीन लोग हैं।

परंतु कितने प्रतिशत लोग आपके नीचे हैं – जितने लोग नीचे हैं उसे कुल जितने लोगों ने कॉम्पटीशन में भाग लिया, से डिवाइड करके उसे सौ से गुना करना होगा (परसेंट का यही फार्मूला है)

और इसका जो परिणाम आएगा वही पर्सेंटाइल है। आसान शब्दों में कहा जाय तो – जितने प्रतिशत लोग आपके नीचे, उतना आपका पर्सेंटाइल।

और अगर फार्मूले की बात करें तो –

पर्सेंटाइल = (रैंकिंग में आपके नीचे आए लोगों की संख्या/कंपटीशन में भाग लेने वाले लोगों की संख्या)*100

तो ऊपर के उदाहरण में:

प्रथम रैंक – (4/5)*100 – 80 पर्सेंटाइल

द्वितीय रैंक – (3/5)*100 – 60 पर्सेंटाइल – आपकी पर्सेंटाइल

तृतीय रैंक – (2/5)*100 – 40 पर्सेंटाइल

चतुर्थ रैंक – (1/5)*100 – 20 पर्सेंटाइल

पंचम रैंक – (0/5)*100 – 0 पर्सेंटाइल

यहां गौर करने वाली बात है कि टॉप करने वाले की पर्सेंटाइल कभी भी 100 नहीं हो सकती क्योंकि कम से कम वो खुद तो अपने नीचे नहीं ही होगा।

तो क्या गलत परिणाम प्रकाशित होता है कि कैट में 20 (अनुमानतः) लोगों ने 100 पर्सेंटाइल हासिल किए?

हां भी और नहीं भी जिसे आप नीचे के उदाहरण से समझ जाएंगे:

माना दो लोग कॉम्पटीशन में थे तो टॉप करने वाले की पर्सेंटाइल क्या हुई – (1/2)*100 – 50

अब यदि सौ लोग कॉम्पटीशन में हों तो टॉप करने वाले की पर्सेंटाइल हुई – (99/100)*100 – 99

हज़ार लोग कॉम्पटीशन में हों तो टॉप करने वाले की पर्सेंटाइल हुई – (999/1000)*100 – 99.9

दस हज़ार लोग कॉम्पटीशन में हों तो टॉप करने वाले की पर्सेंटाइल हुई – (9999/10000)*100 – 99.99
यानी जितने ज़्यादा लोग कॉम्पटीशन में होंगे, टॉप करने वाले की पर्सेंटाइल उतनी ज़्यादा होगी। तो बेशक टॉप करने वाले की पर्सेंटाइल कभी भी 100 नहीं होगी लेकिन ज्यों-ज्यों कॉम्पटीशन में भाग लेने वालों की संख्या बढ़ती जाएगी, त्यों-त्यों पर्सेंटाइल 100 के करीब आती जाएगी। इतनी करीब कि उसे राउंड फिगर में 100 लिखा जा सकता है और यही कारण है कि हमें कभी कभी सुनने को मिलता है कि फलाने को कैट में 100 परसेंटाइल मिले।
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