भारतीय दंड संहिता की धारा 2 हिन्दी में।

भारतीय दंड संहिता की धारा 2
भारतीय दंड संहिता की धारा 2 
भारत के भीतर किए गये अपराधों का दण्ड
हर व्यक्ति इस संहिता के उपबन्धों (प्रावधानों) के प्रतिकूल (विरुद्ध) प्रत्येक कार्य या लोप के लिए जिसका वह भारत के भीतर दोषी होगा, इसी संहिता के अधीन दण्डनीय होगा अन्यथा नहीं।
लोप = किसी चीज के होने की स्थिति अर्थात नियम का पालन न होना या कोई कार्य नियमानुसार करना।

भारतीय दण्ड संहिता केवल भारत में ही लागू होती है। इसकी धारा 2 में इसी प्रावधान को परिभाषित किया गया है। इसका अर्थ ये है कि यदि कोई व्यक्ति भारत देश की सीमा में कोई अपराध करता है तो ही उसे भारतीय दण्ड संहिता के अनुसार दण्ड दिया जा सकता है। भारत देश की सीमा के बाहर किए गए अपराधों का दण्ड भारतीय दण्ड संहिता के अनुसार नही दिया जा सकता।

भारतीय दण्ड संहिता की अन्य धाराएं (क्रमानुसार) :
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