पटियाला पेग की शुरुआत कैसे हुई और ये इतना प्रसिद्ध क्यों है?

पटियाला रियासत के महाराजा भूपेन्द्र सिंह अपने शौंक और विलास भरे जीवन के लिए देश विदेश में बेहद मशहूर थे। उनके द्वारा दी जाने वाली पार्टियों की महिमा इतनी होती थी कि दुसरी रियासतों के राजा महाराजा भी दावत खाने और ऐश करने आया करते थे।
एक बार महाराज भूपेंद्र सिंह ने पार्टी में यह कहा कि अब से सभी को 2 पेग मिलेंगे और वो पेग 2 उंगली से ज़्यादा नही होंगे।ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि पार्टी में बहुत से लोग लालच में ज़रूरत से ज़्यादा शराब पी जाते थे। और महाराज की पार्टी में दुनियाभर की बेहतरीन महँगी और कीमती शराब व खान पान के व्यंजनो की भरमार होती थी।लोग अधिक शराब पीने के बाद पार्टी का माहौल खराब किया करते थे, इसलिए यह फैसला लिया गया।
लेकिन जो लोग रोज़ इतनी महंगी और इतनी ज्यादा शराब पीते हों (वो भी मुफ़्त में) उनका 2 छोटे पेग से क्या बनता। इस समस्या का एक समाधान निकाला गया, कि महाराज ने यह कहा है कि 2 उँगली जितना पेग मिलेगा लेकिन यह तो नही कहा कि कौन सी 2 उंगली के बराबर का पेग मिलेगा।
नीचे वाली 2 फोटो में आप यह अंतर समझ जाएंगे। सभी अपने हाथों की इन दो उंगलियों के बराबर पेग बनवा कर पीने लगे। इस तरह जिसका हाथ जितना बड़ा उसका पेग भी उतना बड़ा।
कहा जाता है कि जब महाराज को यह बात पता चली तो नाराज़ नहीं हुए और उन्होंने खुद भी ऐसा ही पेग पिया, क्योंकि उनकी पार्टी में दूर दूर से और बहुत वी आई पी मेहमान आते थे, तो यह पटियाला पेग भी दूर दूर तक प्रसिद्ध हो गया।
इस तरह पटियाला पेग का जन्म हुआ।


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