भारतीय दण्ड संहिता की धारा 9 का सम्पूर्ण वर्णन हिन्दी में

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 9 का सम्पूर्ण वर्णन हिन्दी में
भादंसं में लिखित धारा 9
जब तक कि संदर्भ से तत्प्रतिकूल प्रतीत न हो, एकवचन द्योतक शब्दों के अन्तर्गत बहुवचन आता है, और बहुवचन द्योतक शब्दों के अन्तर्गत एकवचन आता है। ”
Unless the contrary appears from the context, words importing the singular number include the plural number, and words importing the plural number include singular number. 

स्पष्टीकरण (सरल शब्दों में) :
इसका अर्थ यह है कि जब तक एकदम स्पष्ट ना हो जाए, तब तक एकवचन शब्दों को बहुवचन भी माना जाएगा और बहुवचन शब्दों को एकवचन भी माना जाएगा। अर्थात जब तक कोई संख्या स्पष्ट या प्रमाणित ना हो जाए तब तक उसके वचन दोनों माने जाएंगे। एकवचन भी और बहुवचन भी।

धारा 9 का उदाहरण :
मान लीजिए किसी ने बयान दिया कि -
एक आदमी ने मुझे पीटा, लेकिन उसका नाम और पहचान मुझे नही पता..!
इस स्थिति में यह स्पष्ट नही है कि वह व्यक्ति कौन है, उसकी पहचान क्या है, तो यह व्यक्ति अज्ञात की श्रेणी में आएगा और इसे एकवचन के साथ साथ बहुवचन भी माना जाएगा क्योंकि अपराधी की पहचान स्पष्ट नही है। यदि पहचान स्पष्ट नही है तो ये माना जाएगा कि पीटने वाला व्यक्ति एक भी हो सकता है और एक से अधिक भी हो सकते हैं।

दूसरी स्थिति ये हो सकती है :
तीन चार लोगों ने मुझे पीटा, लेकिन मैं उनके नाम और उनकी पहचान नही जानता..!
इस स्थिति में, पीटने वाला एक भी हो सकता है और अनेक भी, क्योंकि उनकी पहचान स्पष्ट नही है।

तीसरी स्थिति ये हो सकती है :
'A' नाम के व्यक्ति ने मुझे पीटा पर, वह ड्राइवर है और उस कॉलोनी में रहता है..!
इसमें पीटने वाले को एकवचन ही माना जाएगा क्योंकि सब कुछ स्पष्ट रुप से बताया गया है।

चौथी स्थिति ये हो सकती है :
'ए', 'बी' और 'सी' ने मुझे पीटा, जो 'डी' कॉलोनी में रहते हैं और 'इ' कम्पनी में नौकरी करते हैं।
यहां स्पष्ट रुप से सब कुछ सामने है, अतः यहां केवल बहुवचन ही माना जाएगा।

भादंसं की धारा 9 का ‌निष्कर्ष :
जब तक स्थिति एकदम स्पष्ट ना हो, एकवचन को बहुवचन और बहुवचन को एकवचन भी माना जाएगा।

भारतीय दण्ड संहिता की अन्य धाराएं (क्रमानुसार) :
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