पुलिंग वाचक शब्द जहां प्रयोग किए गए हैं, वे हर व्यक्ति के बारे में लागू हैं, चाहे नर हो या नारी।
The pronoun “he” and its derivatives are used of any person male or female.
इसका अर्थ यह है कि यदि भादंसं में कहीं भी पुरुष वाचक शब्द का प्रयोग किया गया है तो वह स्त्री एवं पुरुष दोनो के लिए माना जाएगा। हिन्दी में स्त्री व पुरुष दोनों के लिए 'वह' शब्द का प्रयोग किया जाता है लेकिन अंग्रेजी में पुरुष के लिए He और स्त्री के लिए She शब्द का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण 1 :
मान लीजिए भादंसं में कहीं लिखा है - "जो कोई भी किसी मानव की हत्या का प्रयास करता है, तो उसे 7 वर्ष के कारावास से दण्डित किया जाएगा।"
यहां 'करता है' और 'किया जाएगा' पुरुष वाचक शब्द हैं लेकिन ये पुरुष और स्त्री दोनों के लिए मान्य होंगे। कोई ये नही कह सकता कि ये तो पुरुष के लिए है, महिला पर ये लागू नही होगा। ये दोनों पर ही लागू होंगे।
उदाहरण 2 :
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 172 :
जो कोई किसी ऐसे लोक सेवक द्वारा निकाले गए समन, सूचना या आदेश की तामील से बचने के लिए फरार हो जाएगा, जो ऐसे लोक सेवक के नाते ऐसे समन, सूचना या आदेश को निकालने के लिए वैध रूप से सक्षम हो, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा।
भारतीय दण्ड संहिता की अन्य धाराएं (क्रमानुसार) :
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इस पेज में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 8 को सरल, विस्तार पूर्वक एवं उदाहरण सहित समझाया गया है। इस पेज में आईपीसी की अन्य धाराओं का लिंक भी दिया गया है।
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