भारतीय दण्ड संहिता की धारा 509, 509 ए तथा 509 बी

किसी के भी द्वारा महिला से छेड़छाड़ करने पर धारा 509 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया जाता है। छेड़-छाड़ की परिभाषा में शामिल हैं :
✓ कुछ ऐसा बोलना, जिससे महिला की गरिमा को नुक़सान हो।
✓ ऐसा कार्य करना जो महिला की लज्जा भंग करता हो।
✓ शरीर के किसी अंग का प्रयोग करके अश्लील इशारे करना।
✓ महिला की एकांतता (प्राइवेसी) भंग करने का प्रयास करना।
✓ महिला को शब्दों या क्रियाओं के द्वारा अपमानित करना।
✓ यह प्रयास करना कि वह जो कर रहा है, वो महिला देखे या सुने।

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 509 के मूल शब्द :
शब्द, अंगविक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित है। जो कोई किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहेगा, कोई ध्वनि या अंगविक्षेप करेगा, या कोई वस्तु प्रदर्शित करेगा, इस आशय से कि ऐसी स्त्री द्वारा ऐसा शब्द या ध्वनि सुनी जाए, या ऐसा अंगविक्षेप या वस्तु देखी जाए, अथवा ऐसी स्त्री की एकान्तता (प्राइवेसी) का अतिक्रमण करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

509 ए
रिश्तेदार द्वारा यौन उत्पीड़न :
जो कोई किसी महिला से रक्त, गोद लेने या विवाह के माध्यम से संबंधित होने और उसका पति न होने के बावजूद, उसकी निकटता का लाभ उठाता है और शब्दों द्वारा उसकी गरिमा का अपमान करने के इरादे से ऐसी महिला को प्रेरित करता है, बहकाता है या धमकी देता है। इशारा या कृत्य करता है तो कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा जो एक वर्ष से कम नहीं होगा लेकिन जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी देना होगा।

509 बी
इलेक्ट्रॉनिक मोड द्वारा यौन उत्पीड़न :
जो कोई भी, दूरसंचार उपकरण के माध्यम से या इंटरनेट सहित किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से, किसी अश्लील टिप्पणी, अनुरोध, सुझाव, प्रस्ताव, छवि या अन्य संदेश का निर्माण, अनुरोध या प्रसारण करता है, या किसी महिला को परेशान करने या मानसिक पीड़ा पहुंचाने के इरादे से अभद्र, कामुक, गंदा या अशोभनीय व्यवहार करने पर कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह महीने से कम नहीं होगी, लेकिन इसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी देना होगा।"

गिरफ्तारी, सजा, जमानत और समझौता :
यह अपराध संज्ञेय (Cognizable) अपराध है अतः अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए न्यालय की अनुमति (अरेस्ट वारंट) की आवश्यकता नही होती।
धारा 509 में अपराध साबित हो जाने पर एक वर्ष का कारावास (जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है) और जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
यह जमानती अपराध है और पुलिस थाने से ही जमानत ली जा सकती है।
यह समझौता योग्य अपराध है, न्यायालय की अनुमति से  समझौता किया जा सकता है।

धारा 354 और 509 में अन्तर :
दोनों धाराऐं महिला की गरिमा भंग करने के अपराध से संबंधित है। परन्तु दोनो ने मुख्य अंतर ये है कि धारा 354 तब लागू होगी जब किसी स्त्री की लज्जा भंग करने के लिए आपराधिक बल प्रयोग किया जाए (या हमला किया जाए) और महिला को शारीरिक रूप से परेशान किया जाए।
जबकि धारा 509 तब लगाई जाएगी जब महिला को अश्लील शब्दों, वस्तुओं और भाव भंगिमाओं के द्वारा मानसिक रूप से परेशान करने की कौशिश की जाए।

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