1. बोहेड व्हेल : आयु 200+ वर्ष
बोहेड व्हेल आर्कटिक और उप-आर्कटिक सागरों में पाई जाती है। नेशनल ओशियानिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार 100 साल तो ये आराम से जीती है। परन्तु यदि इनका शिकार न किया जाए तो कुछ व्हेल 200 वर्ष से अधिक भी जीती हैं। इनके शरीर में एक जीन होता है, जिसे ईआरसीसी-1 कहते हैं। यह जीन शरीर में नष्ट हो रहे डीएनए को सुधारता रहता है। इसलिए इन मछलियों में कैंसर जैसी भयानक बीमारियां नहीं होतीं। दूसरा एक जीन होता है जिसे पीसीएनए कहा जाता जो पुरानी कोशकाओं के स्थान पर नई कोशिकाएं बनाता है। अंगों की रिपेयरिंग करता है जिससे बोहेड व्हेल नामक यह मछली 200 वर्ष से अधिक समय तक जीवित रह पाती है।
2. रफआई रॉकफिश : आयु 200+ वर्ष
ये सबसे अधिक जीने वाली मछलियों में से एक है। वॉशिंगटन डिपार्टमेंट ऑफ फिश एंड वाइल्डलाइफ के अनुसार यह कम से कम 205 वर्षों तक जीवित रहती है। गुलाबी-भूरे रंग की यह मछली प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया से लेकर जापान तक पाई जाती है। यह 38 इंच तक लंबी हो सकती है। यह छोटी मछलियों और श्रिंप को खाती है। इस मछली की प्रजाति को शिकार होने का खतरा रहता है, इसलिए इसे बचाने के लिए दुनियाभर में अभियान भी चलाया जा रहा है।
3. फ्रेशवॉटर पर्ल मसेल : आयु 250+ वर्ष
फ्रेशवॉटर पर्ल मसेल ऐसे जीव होते हैं जो पानी में उपलब्ध भोजन के सुक्ष्म कणों को फिल्टर करके अपना पेट भरते हैं। ये सामान्यतः यूरोप, अमेरिका और कनाडा में नदियों और धाराओं में पाए जाते हैं। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के अनुसार सबसे पुराना फ्रेशवॉटर पर्ल मसेल 280 वर्ष का है। ये इतने अधिक दिन इसलिए जीवित रहते हैं क्योंकि इनकी पाचन क्रिया अत्यधिक धीमी होती है। इस जीव की प्रजाति संकट में है। मानवीय लालसा के कारण ये नष्ट होते जा रहे हैं। साथ ही इनके रहने का स्थान भी प्रदुषित हो रहा है क्योंकि प्रदूषण से इन्हें सर्वाधिक कष्ट होता है।
4. ग्रीनलैंड शार्क : आयु 272+ वर्ष
ग्रीनलैंड शार्क आर्कटिक और उत्तरी अटलांटिक महासागर में अत्यधिक गहराई में रहती हैं। यह 24 फीट तक लंबी हो सकती है। यह कई प्रकार के समुद्री जीवों को अपना भोजन बनाती है। साइंस जर्नल में वर्ष 2016 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार इनकी औसत आयु 272 वर्ष की होती है। जबकि सर्वाधिक समय तक जीवित रहने वाली ग्रीनलैंड शार्क की आयु 392 वर्ष है। हालांकि कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि ये 512 वर्ष तक भी जी सकती हैं। इसकी अधिकतम आयु को लेकर पर्याप्त वाद विवाद होता रहता है, परन्तु इसकी औसत आयु 272 वर्ष है, ये बात सभी वैज्ञानिक मानते हैं।
5. ट्यूबवॉर्म : आयु 300+ वर्ष
ट्यूबवॉर्म गहरे समुद्र में अत्यंत शीतल क्षेत्र में रहते हैं। वर्ष 2017 में द साइंस ऑफ नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार मेक्सिको की खाड़ी में ट्यूबवॉर्म की एक ऐसी प्रजाति मिली थी जो 200 वर्षों से जीवित थी। जबकि कुछ प्रजातियां ऐसी भी हैं जो 300 वर्षों से अधिक जीवित रहती हैं। ट्यूबवॉर्म को जीवन का संकट कम होता है क्योंकि इनके कोई प्राकृतिक शत्रु या शिकारी नहीं होते। इसलिए भी ये कई सौ वर्षों तक जीवित रह पाते हैं।
6. ओशन कुआहॉग क्लैम : आयु 500+ वर्ष
ओशन कुआहॉग क्लैम उत्तरी अटलांटिक महासागर में पाया जाता है। नमकीन पानी में पाया जाने वाला यह जीव अपने जैसी अन्य प्रजातियों की तुलना में ज्यादा अधिक वर्षों तक जीवित रहता है। नेशनल म्यूजियम वेल्स के अनुसार आइसलैंड के तट पर साल 2006 में एक ओशन कुआहॉग क्लैम मिला था, जिसकी आयु 507 वर्ष थी। इस प्राचीन क्लैम को मिंग नाम दिया गया। इसका जन्म 1499 में हुआ था। तब चीन में मिंग साम्राज्य शासन करता था।
7. ब्लैक कोरल : आयु 4000+ वर्ष
कोरल सामान्यतः अत्यंत रंग-बिरंगे सुंदर से दिखने वाले समुद्री जीव होते हैं। कई बार तो ये पेड़-पौधों की तरह लहराते हुए भी दिख जाते हैं। असल में ये लहराते हुए कोरल पॉलिप्स कहे जाते हैं। ये एक प्रकार की बाह्यहड्डी जैसे होते हैं। ये अपने जैसे जेनेटिकल कॉपी बनाते रहते हैं। जब कई सारे पॉलिप्स एक ही जेनेटिक सिक्वेंस के मिलकर जुटते हैं तो वो कोरल बना लेते हैं। सामान्यतः कोरल सैकड़ों वर्ष जीते हैं परन्तु अत्यधिक गहराई में मिलने वाले ब्लैक कोरल सर्वाधिक जीवित रहने वाले कोरल कहे जाते हैं। हवाई के तट के पास एक ब्लैक कोरल मिला था, जिसकी आयु 4265 वर्ष बताई गई थी।
8. ग्लास स्पंज : आयु 10 हजार वर्ष से अधिक
ग्लास स्पंज सामान्यतः कई जीवों की एक कॉलोनी होती है। जैसे कोरल्स होते हैं। ये हजारों वर्षों तक जीवित रह सकते हैं। ये धरती पर सर्वाधिक जीवित रहने वाले स्पंज में से एक हैं। एनओएए के अनुसार ये समुद्र में अत्यधिक गहराई में भी रहते हैं और कम गहराई में भी। इनका भी बाह्यहड्डी जैसा ढांचा होता है। वर्ष 2012 में केमिकल जियोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार सबसे लंबी आयु वाला ग्लास स्पंज 11 हजार वर्ष पुराना है। संभावना है इससे अधिक वर्षों तक जीने वाले स्पंज भी उपस्थित हों।
9. टूरिटॉपसिस डॉहर्नी : आयु - संभवतः अमर है !
टूरिटॉपसिस डॉहर्नी को अमर जेलीफिश कहा जाता है। ये लार्वा की भांति जीवन का आरम्भ करता है। इसके पश्चात ये समुद्री तलहटी में पॉलिप्स बनने लगते हैं। इसके पश्चात ये पॉलिप्स मेडुसास या जेलीफिश को स्वतंत्र करते हैं, ताकि वो समुद्र में तैरना आरम्भ कर सकें। अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के अनुसार वयस्क टूरिटॉपसिस डॉहर्नी पुनः पॉलिप्स बनने की क्षमता रखता है। यदि उसे कोई नुकसान पहुंचता है, या फिर भोजन नहीं मिलता है तो वह पुनः पॉलिप्स की श्रेणी में आ जाता है। आवश्यकता पड़ने पर पुनः जेलीफिश बन जाता है। यह सामान्यतः भूमध्यसागर में पाया जाता है। यह अपना जीवनचक्र कई बार दोहरा सकता है। इसका आकार 4.5 मिलिमीटर का होता है। अगर इन्हें मछलियां न खाएं तो ये कभी नहीं मरते।
10. हाइड्रा : संभवतः अमर है...
हाइड्रा अत्यंत छोटे अकशेरुकीय जीव होते हैं। इनका शरीर अत्यंत नरम होता है। कई बार तो ये जेलीफिश जैसे दिखते हैं। हाइड्रा भी संभवतः अमर होते हैं, क्योंकि वैज्ञानिक आजतक इनकी आयु का सही अनुमान नहीं लगा पाए हैं। ये अपनी बढ़ती आयु के साथ शारीरिक बीमारी या हानि नहीं दिखाते। ये सामान्यतः स्टेम सेल से बने होते हैं, जो लगातार स्वयं पुनः पैदा होते रहते हैं। अर्थात क्लोनिंग करते रहते हैं। अगर इनका शिकार न हो और बीमारियां न लगें तो ये अमर हो सकते हैं।
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