भादंसं में वर्णित धारा 11 के मूल शब्द
कोई भी कंपनी या संगम, या व्यक्ति निकाय चाहे वह निगमित हो या नहीं, “व्यक्ति” शब्द के अन्तर्गत आता है।
The word “person” includes any Company or Association or body of persons, whether incorporated or not.
भादंसं की धारा 11 का सरल शब्दों में स्पष्टीकरण :
इस धारा का मूल भाव यह है कि भादंसं में किसी भी कंपनी, समुह या संगठन को 'व्यक्ति' के रुप में माना जाएगा। चाहे वह कंपनी, संगठन या समुह रजिस्टर्ड हो या ना हो।
इनको 'व्यक्ति' के रुप में इसलिए माना जाएगा क्योंकि जब किसी कंपनी पर कोई मुकदमा चलाया जाएगा तो उस कंपनी की और से कोर्ट में उपस्थित होने के लिए किसी 'व्यक्ति' की आवश्यकता होगी। वही व्यक्ति कंपनी का प्रतिनिधित्व (रिप्रेजेंट) करेगा और दण्ड भी उसे ही मिलेगा!
यदि कंपनी किसी अन्य पर मुकदमा करेगी तो भी यही स्थिति और यही आवश्यकताऐं होंगी। अत: कंपनी, समुह या संगठन को 'व्यक्ति' की श्रेणी में रखा गया है।
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भारतीय दण्ड संहिता की अन्य धाराएं (क्रमानुसार) :
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