अमेरिका में घरेलू नौकर रखना इतना मुश्किल क्यों है?

अमेरिका में भी 19 वीं शताब्दी के मध्य तक घरेलू सहायक रखने का चलन था। खाना बनाना, कपड़े, बर्तन, बच्चों की देखभाल आदि काम के लिए पहले सहायक होते थे, जैसा कि हॉलीवुड की फिल्मों में भी दिखाया जाता था। इन सहायकों पर कई प्रकार के अत्याचार होते थे और नस्लवाद की शिकायत भी रहती थी। नस्लवाद को रोकने के लिए और घरेलू सहायकों के अधिकारों के लिए समय के साथ कई नियम बनाये गए जिसके चलते आम मध्यमवर्ग के लिए घरेलू सहायक को रखना महंगा हो गया। 19 वींं शताब्दी के अंत तक एक साधारण मध्यम वर्गीय परिवार के लिए घरेलू सहायक का खर्चा उठाना लगभग असंभव सा हो गया। घरेलू सहायक के स्थान पर यहाँ कई प्रकार की मशीनें, बना बनाया खाना आदि नयी सुविधाएँ आयीं, जिनसे घर पर काम कम हो गया।

इसके अतिरिक्त अन्य प्रकार के कई कारण हैं..
● अमेरिका में बचपन से ही लोगों को अपना काम खुद करना सिखाया जाता है। जैसे कि बहुत छोटी उम्र से ही जब माँ बाप अपने घर के बगीचे में काम कर रहे हैं तो बच्चों को भी साथ में छोटे छोटे काम में मदद करने को कहा जाता है। इससे बच्चे सब काम देखते हैं और सीख जाते हैं। ऐसे ही घर के अन्दर कुछ टूट - फूट को ठीक करते समय भी बच्चों को दिखाया जाता है कि कैसे चीज़ों को ठीक करते हैं।
● माध्यमिक स्कूल तक आते आते बच्चे अपने कमरे को व्यवस्थित करना, अपने कपड़े खुद प्रेस करना, खाना खाकर बर्तन को डिशवाशर में रखना आदि छोटे छोटे काम सीख जाते हैं।
● अमेरिका में धूल गर्दा नहीं है जिससे रोजाना में घर पर झाडू बुहारी करने की जरूरत नहीं पड़ती। पोंछा भी रोज लगाने की जरूरत नहीं है।
● अमेरिकी घरों में रोजाना में भारी भरकम खाना बनाने का चलन नहीं है । मिलकर खाना बन जाता है और बर्तन डिशवाशर में धुल जाते हैं।
● अमेरिका में रोजाना बिस्तर बनाने का चलन नहीं है।
● कपड़े कम गंदे होते हैं और दिन में चार बार कपड़े बदलने का चलन नहीं है। जिससे कपड़े धोने और प्रेस करने का काम रोज का नहीं होता, इसे अपनी सुविधानुसार हफ्ते में दो बार या एक बार किया जाता है।
● अमेरिका में मोटे तौर पर चीजों को लेकर कोई दिखावा नहीं है तो किसी के आते ही चार प्लेट नाश्ते की सजाने की जरूरत नहीं है।
● अमेरिका में कुछ नियम हैं जिनका आपको पालन करना है।
● घरेलू सहायक को रखते समय यह जांच करना आवश्यक है कि इनके पास काम करने का लाइसेंस है या नहीं। इससे घरेलू मदद महंगी हो जाती है।
● सफाई कर्मचारी को आमतौर पर घंटे के हिसाब से खर्चा देना होता है । सरकार के अनुसार कम से कम 9 डॉलर प्रति घंटा न्यूनतम पैसा देना है लेकिन अधिकांश सफाई वाले 20 डॉलर प्रति घंटे के हिसाब से चार्ज करते हैं । यानि 1400/- भारतीय रुपये!
● दिन भर काम करने वाले सहायक का हेल्थ का खर्चा भी भरना होता है। कुल मिलाकर यह खर्चा बहुत ज्यादा हो जाता है और आम आदमी के बस का नहीं है।
● कानूनी रूप से इन सभी घरेलू कर्मचारियों को भी टेक्स भरना होता है तो इनको सभी प्रकार के पेमेंट चेक से किये जाने चाहियें । इससे भी घरेलू मदद महंगी हो जाती है ।
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